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प्यार : बैंक बैलेंस जरुरी है

सबकुछ-प्यार से
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stock-photo-love-and-money-relationship-isolated-on-white-45852460प्यार: एक शब्द जिसकी थोड़ी सी दस्तक जिंदगी को उन अनेक रगों से भर देती है जिसकी चमक आँखों को इन्दधनुष में भी देखने को नहीं मिलती. इस छोटे से शब्द में सागर से ज्यादा विशालता एव गहराई छिपी हुई है. समाज में विपरीत परिस्थितियों में इसकी जीत इसकी कठोरता का प्रमाण हे, इसके साथ ही स्वार्थ की एक हलकी सी हवा इसको बरबाद कर देती है जो की इसकी कोमलता का प्रतिक है. इसकी अनुभूति जिस भी व्यक्ति को होती है उसके लिए संसार की भोतिक वस्तुए गोंड हो जाती है. इन वस्तुओ को छोड़ने का रति भर भी दुःख उस व्यक्ति को नहीं होता . व्यक्ति में प्यार को खोजने की चाहत भर होनी चाहिए . ये तो प्रकर्ति में पुर्ण रूप से विधमान है तथा प्रकर्ति के रोम रोम में भरा है.

आज के संदर्भ प्यार का ये अर्थ कल्पना मात रह गया है . जहा तक सैधांतिक दृष्टि की बात है तो इसके अर्थ में कोई परिवर्तन नही आया सिधांत कभी नहीं बदलते बल्कि वो शब्द अपनी वास्तविकता बदल लेता है. आज के परिवेश में दिल और आत्मा को देखकर प्यार नहीं किया जाता , अब तो बाहरी रंग रूप भी नहीं देखा जाता , सरल भाषा में कहे तो बस आपके अकाउंट का बैलेंस अच्छा होना चाहिए . लडकिया भी आज-कल आपका वेअल्थ (संपत्ति ) मैनेजमेंट देखकर आपका मुल्यांकन करती है . लड़के तो देखते है आगे की जिंदगी केसे आसानी से कटे , लड़की कम से कम अच्छा कमाती हो और इकलोती हो तो और भी अच्छा , विरासत जो मिलेगी.

अब समय तो नहीं बदला जा सकता , आप अपना दिल साफ़ करे न करे , फिगर और हेअलथ अच्छी हो ना हो , बैंक बैलेंस जरुर मोटा होना चहिये. तो आप सुस्ती छोड़िये, प्यार चहिये तो जुट जाइये पैसा कमाने में . अंतिम शब्द ” पेसे से तुम हासिल भी हो गए तो जिंदगी भी सिर्फ हासिल ही बचेगी , ये तो जिंदगी नहीं “.

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