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प्यार में हत्या -आत्महत्या पाप है

सबकुछ-प्यार से
सबकुछ-प्यार से
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दुनिया में कई तरह के धर्म है उनमे से एक धर्म है प्यार . हम इसी धर्म के अनुयाई है ,
इसलिए अगर मेरे मेरे धर्म में बारे में कुछ कहता है तो मुझे बुरा लगता है .
इस धर्म का प्रमुख सन्देश है त्याग , इसके विपरीत लोग पाने को प्यार कहते है.
इसमें त्याग का मतलब प्राण त्याग, से नहीं बल्कि में त्याग से है.
जब में का त्याग हो जायेगा तो , सेवा भाव रह जायेगा ये ही सच्चा प्यार है .

आज कल खबरों में सबसे बड़ी खबर होती है फला ने प्यार में आत्महत्या
कर ली या कई लोगो की हत्या कर दी , बड़ी दुःख पहुचाती है ये खबरे.
सबसे बड़ी जो बुरी बात लगती है वो है इसमें मेरे धर्म को बदनाम करना.
मीडिया वालो को TRP चाहिए सो वो और भी मसाला लगाकर कर खबर देते है.
मेरे धर्म में दुःख हरा जाता है पर दुःख देने जेसा शब्द, प्यार की शब्दावली में नहीं है .

कोई इन्सान केसे भूल सकता है की उसकी जिंदगी पर सिर्फ उसका ही हक नहीं है
उसके माँ-बाप जिन्होंने कितने मन्नतो से उसको हासिल किया है उनका हक कहा गया,
प्यार करने वाला केसे किसी का हक मार सकता है , उसकी जिंदगी पर भी किसी और
का हक है , हक है हर उस बन्दे का जो उसे प्यार करता है . इसलिए कोई प्यार करने
वाला आत्हत्या नहीं कर सकता और हत्या का विचार तो कोसो दूर से भी उसके
दिमाग में नहीं आ सकता .

निभाना प्यार है डरकर दुनिया छोड़ना प्यार नहीं है , जिंदगी नियामते
खुदा है , और सिर्फ खुदा का हक है जिंदगी के फेसले लेना , हमारा नहीं .

मुझे भी अपने धर्म पर पूरा विश्वास है इसलिए इसकी कोई भी बुराई करे मुझे
मंजूर नहीं , मेरा तो बड़ा ही कोमल धर्म है सिर्फ देना जानता है , अब वो जिंदगी
हो , या दुनिया की कोई भी ख़ुशी हो . ख़ुशी का दूसरा नाम ही प्यार है
अंत में एक निवेदन मेरे धर्म को सम्मान दीजिये और इस दुनिया में
खुशिया फेलाइये और मेरे धर्म को अपनाइए .

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